विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लएचओ) की तरफ से कहा गया है कि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कोविड-19 कितनी देर तक सतह पर जिंदा रह सकता और उसे जिंदा रखने में कौन सी वजहें जिम्मेदार हैं। डब्लूएचओ ने यह भी कहा है कि यह वायरस दूसरे वायरस की ही तरह बर्ताव करता है। डब्लूएचओ के मुताबिक, 'कई अध्ययनों से यह बात पताचलती है कि कोविड-19 सतह पर कुछ घंटों या फिर कई दिनों तक जिंदा रह सकता है।' डब्लूएचओ के मुताबिक सतह पर वायरस कब तक जिंदा रहेगा यह अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर है जैसे सतह किस तरह की है या फिर तापमान कैसा या वातावरण में उमस किस तरह की है।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट (एनआईएच) के वायरोलॉजिस्ट नीलत्जे वैन डोरेमालेन की तरफ से एक स्टडी इस बात पर की गई थी कि वायरस अलग-अलग सतह पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है। यह स्टडी न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसन में 17 मार्च को पब्लिश हुई थी। इस स्टडी के मुताबिक वायरस हवा में तीन घंटे तक रह सकता है। जबकि कार्डबोर्ड पर इसकी जिंदगी 24 घंटे तक होती है और किसी भी प्लास्टिक या स्टील की सतह पर वायरस की जिंदगी दो से तीन दिन तक रहती है।
एक और स्टडी जनरल हॉस्पिटल ऑफ इंफेक्शन की तरफ से हुई थी। इस स्टडी में कहा गया था कि कोरोना वायरस की जिंदगी धातु, शीशे या फिर प्लास्टिक पर नौ दिनों तक रह सकती है। डब्लूएचओ की तरफ से सलाह दी गई थी कि अगर आपको लगता है कि सतह किसी वायरस से संक्रमित है तो इसे साधारण कीटाणुनाशक से साफ कर लीजिए ताकि वायरस खत्म हो जाए। डब्लूएचओ की तरफ से कहा गया है, 'अपने हाथों को या तो एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से साफ करें या फिर उसे साबुन और पानी से अच्छे से साफ करें। अपनी आंखों, मुंह या फिर नाक को छूने से बचें।'