अब दुनिया का कोई महाद्वीप नहीं बचा है जहां कोरोना वायरस न पहुंच चुका हो। ज्यादातर देश अब इस महामारी का सामना कर रहे हैं और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। जिस तेजी से यह वायरस और देशों में फैलता जा रहा है, उससे लग रहा है कि इस महामारी से निपट पाना फिलहाल आसान नहीं है। यूरोप और अमेरिका के बाद अब तंजानिया, सोमालिया से लेकर लाइबेरिया और बेनिन जैसे अफ्रीकी देशों में कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। सभी अफ्रीकी देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है, ताकि पूरे महाद्वीप में इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।
पिछले एक हफ्ते में इक्कीस अफ्रीकी देशों में कोरोना संक्रमित मरीजों का पता चला है। इटली और स्पेन में जिस तेजी से लोग मर रहे हैं, वह चिंताजनक है। स्पेन में मरने वालों का आंकड़ा पांच सौ और इटली में एक हजार से ज्यादा होचका है। फांस. जर्मनी भी इससे अछूते नहीं हैं। हालात बता रहे हैं कि चीन के बाद सबसे ज्यादा कहर यूरोप में बरपा है। दुनिया का सबसे ताकतवर और हर तरह की संपन्नता का दावा करने वाले अमेरिका की हालत भी खराब है। समस्या ज्यादा गंभीर इसलिए हो रही है कि न तो इस बीमारी का इलाज पता है, न अभी तक इसकी दवा कोई बन पाई है, सब कुछ बचाव संबंधी उपायों पर ही निर्भर है। भारत में हालांकि रोजाना कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं और देश में अब तक चार लोगों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है।
संक्रमित लोगों और मृतकों की संख्या अभी बड़ी भले न हो, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इसे फैलने से रोकने की है। अभी तक कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामले उन्हीं लोगों में पाए गए हैं जो उन देशों से लौटे हैं जहां कोरोना फैल चुका है। इसलिए सरकार का सबसे ज्यादा जोर दूसरे देशों से आने वाले लोगों को रोकने और संदिग्ध मरीजों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाने पर है। यूरोपीय देशों, तुर्की, ब्रिटेन, फिलीपीन, मलेशिया जैसे देशों से लोगों के भारत आने पर पाबंदी लगा दी गई है।