उज्जैन। आज उज्जैन की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक में लिया गया बड़ा निर्णय सामने आया है। हालाकि अभी केंद्र सरकार की गाइडलाइन आने का इंतजार किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 1 जून से उज्जैन टोटल लॉकडाउन की बंदिशों से मुक्त हो जाएगा । सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक शहर को शर्तों के साथ खोल दिया जाएगा।
शुक्रवार की शाम को उज्जैन के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में लॉक डाउन खोलने से जुड़ी बातों पर विचार-विमर्श हुआ।बैठक में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी मनोज कुमार सिंह, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, मोहन यादव, महापौर मीना जोनवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए । इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने लॉक डाउन को खोलने की बात की। इसके लिए कई प्रस्ताव भी दिए गए । आखिरकार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक लॉक खोलने का निर्णय हो गया है लेकिन अभी औपचारिक फैसला इसलिए नहीं लिया जा सकता है क्योंकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन आना बाकी है। वैसे संभावना व्यक्त की जा रही है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में भी रेड झोन को कुछ विशेष शर्तों के साथ एवं ऑरेंज झोन को नॉर्मल शर्तों के साथ खोलने के निर्देश आना है उसके मुताबिक आज की बैठक में निर्णय लिए गए हैं ।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन में कोई सख्ती नहीं दिखाई गई तो 1 जून से उज्जैन टोटल लॉक डाउन से आजाद हो जाएगा । 1 जून से उज्जैन सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुल जायेगा । इसमें प्रमुख बाजार की किराने की दुकानों को खोलने के निर्देश नहीं दिए जाएंगे। शहर की गलियों और अन्य स्थानों की किराना दुकान को खोल दिया जाएगा। विधायक पारस जैन ने बताया कि आगर रोड की उद्योगपुरी को भी 1 जून से खोल दिया जाएगा । इसके अलावा कृषि उपज मंडी को भी खोलने का निर्णय हुआ है । इसके अतिरिक्त हार्डवेयर की दुकानों को भी खोल दिया जाएगा ताकि कारपेंटर को घरों में काम करने का मौका मिल सके। एक-दो दिनों में फल और सब्जी के ठेले भी शुरू हो जाएंगे।
इन शर्तों का करना पड़ेगा पालन
- लॉक डाउन खुलने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क, हाथ में दस्ताने पहनने आदि का नियमों पालन करना पड़ेगा।
- शाम से लेकर सुबह तक कर्फ़्यू रहेगा। इस दौरान घर से निकलने पर कार्रवाई होगी।
- समय समय पर सरकारी कि गाइडलाइन जारी होगी जिसका पालन करना होगा।
- अगर कोरोना के पेशेंट बढ़ते हैं और लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं तो परिस्थिति अनुकूल फैसला लिया जाएगा।
- कुल मिलाकर अब आम लोगों के हाथ में जिम्मेदारी सौंप दी गई है कि वे लॉक डाउन खुलने के बाद किस तरीके से नियमों का पालन करते हैं ताकि भविष्य में लॉक डाउन की जरूरत नहीं पड़े।